Next pearl farming training date-18,19 Mar 2017
Contact - 8168363624
CONTACT FOR PEARL FARMING TRAINING AT LEAST 3DAYS PRIOR TO TRAINING DATE
MOB.NO.8168363624
मोती एक प्राकृतिक रत्न है जो सीप के अंदर पैदा होता है। इसकी खेती भी की जाती है। मोती की खेती मे ज्यादा खर्चा भी नहीं होता। किसान ही नहीं बल्कि नौकरी पेसे वाले वे लोग भी कर सकते हैं जिनके पास मात्र सप्ताह के 2 दिन का समय ही उपलब्ध रहता है ।इस ग्रुप का उद्देश्य मोती की खेती को हर इच्छुक व्यक्ति तक पहुंचाना है।
मोतियों की खेती के प्रति लोगों के बढ़ते हुए उत्साह को देखते हुए हमने उत्तर प्रदेश के कानपुर तथा हरियाणा के रेवाड़ी में मोती की खेती की ट्रेनिंग क्लासेस शुरू की हैं।यह ट्रेनिंग 2 दिन की होती है ,इन 2 दिनों में सीप में डिज़ाइनर मोती और गोल मोती बनाने की विधि के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से दी जाती है सीपों का पालन पोषण सीपों की सर्जरी आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है कृपया इच्छुक व्यक्ति प्रशिक्षण के लिए कम से कम 3 दिन पहले बताएं। प्रशिक्षण में निम्नलिखित विषयों को विस्तार से समझाया जाता है,
1. पहले दिन सीपों का प्रकार।
2. सीप के विभिन्न अंग।
3. प्रयोग में लाए जाने वाले सभी प्रकार के इंस्ट्रुमेंट्स।
4. मोतियों का बीज अर्थार्त बीड़ बनाने की विधि तथा उसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले पदार्थ की जानकारी।
5. Designer bead तथा गोल बीड़ तैयार करना।
6 डिजाइनर मोती तैयार करने की विधि।
7. तालाब बनाने की विधि के बारे में।
8. दूसरे दिन, सीपों के लिए भोजन तैयार करने की विधि।
9. Operation से पहले सीपों के रखरखाव के बारे में।
10. गोनाल्ड का ऑपरेशन करके गोल मोती तैयार करने की विधि।
11. ऑपरेशन के पश्चात सीपों के रखरखाव के बारे में।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्ति कृपया प्रशिक्षण की तारीख से कम से कम 3 दिन पहले सूचित करें
MOB: 8168363624
Next pearl farming training date 11,12 Feb 18,19 Feb, 25,26 Feb 2017
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1. पहले दिन सीपों का प्रकार।
2. सीप के विभिन्न अंग।
3. प्रयोग में लाए जाने वाले सभी प्रकार के इंस्ट्रुमेंट्स।
4. मोतियों का बीज अर्थार्त बीड़ बनाने की विधि तथा उसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले पदार्थ की जानकारी।
5. Designer bead तथा गोल बीड़ तैयार करना।
6 डिजाइनर मोती तैयार करने की विधि।
7. तालाब बनाने की विधि के बारे में।
8. दूसरे दिन, सीपों के लिए भोजन तैयार करने की विधि।
9. Operation से पहले सीपों के रखरखाव के बारे में।
10. गोनाल्ड का ऑपरेशन करके गोल मोती तैयार करने की विधि।
11. ऑपरेशन के पश्चात सीपों के रखरखाव के बारे में।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्ति कृपया प्रशिक्षण की तारीख से कम से कम 3 दिन पहले सूचित करें
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How to do pearl farming |
मोती एक Natural Gems है जो की सिप के द्वारा पैदा होता है | मोती दुसरे अन्य रत्नों के मुकाबले देखने में जयादा आकर्षक लगता है | मोती की demand पुरे world में है, और इसकी demand दिन बा दिन बढती ही जा रही है | Natural मोती का development तब होता है जब किसी सिप के अंदर किसी तरह का किट कंकड़ चला जाता है, और सिप उसे बाहर निकल नहीं पाते है और उस पर चमकीला परत जमने लगती है, इस तरह से एक प्राकृतिक रत्न का निर्माण होता
भारत से मोती अति प्राचीन काल से जाना जाता है | भारत को पूरी दुनिया में सबसे finest ‘Oriental Pearls’ के लिए जाना जाता था जिसका demand पुरे world में था | हलाकि भारत में प्राकृतिक मोतियों को बनाना तथा इसकी खेती करना भारत में चार दशक पहले बंद कर दिया गया है | इसलिए भारत आज अपने घरेलु मांग को पूरा करने के लिए International Markets से हर साल मोतियों को import करता है | भारत प्रमुख आयातकों में से एक है जो की हर साल US $ 4 million के मोतियों को import करता है | भारत में Gulf of Mannar, Andaman and Nicobar Islands, और Gulf of Kutc में मोतियों की खेती की जाती है | Hamare India me kai log Moti ki kheti kar ke lakhon mein kama rahe hai. Aise he ek kisan bhai hai jo Maharashtra se hai, aur har saal Rs 10 – 11 lakh earning karte hai. गढ़चिरोली नामक गावं जो की महाराष्ट्र में आता है – In kisan bhai ka naam hai Sanjay Gandate ho ki har saal austan 10 se 11 lak Rs kamate hai. To agar aap bhi Moti ki farming ki jankari khoj rahe hai to ise jarur padhiye. मोती उत्पादन के तरीके Waise to Moti ko ugane ka ek hi adhunik tarike hai, jiske dawara aap moti ka utpadan karke local market mein ise sell kar sakte hain. 1) सीपों को इकट्ठा करना – सबसे पहले तो सीपो को नदी तालाबो से जमा कर के उन्हें एक बड़े आकार के बर्तन या बाल्टी में रखा जाता है | इसके लिए आप आस पास के नदियों और तालाबो में से सीपो को इकट्ठा कर सकते है | या फिर नजदीकी मछुवारों से कम दामों में सिप खरीद सकते है | 2) अनुकूल बनाना – जमा किये गए सीपो का इस्तेमाल होने से पहले उन्हें 2 से 3 दिनों तक उन्हें पानी में रखा जाता है, ताकि सीपो के माँसपेशियाँ ढीला पड़ जाए और उनका surgery आसानी से किया जा सके | इसके लिए आपको यह ध्यान देना जरुरी है की सीपों को पानी से ज्यादा देर बाहर नहीं रखे, नहीं तो सिप ज्यादा देर तक जिन्दा नहीं रह पायेगी | 3) सर्जरी – मोती उत्पन्न करने के लिए सीपो का surgery तीन तरह से किया जाता है | सतह के केंद्र की सर्जरी – इस प्रक्रिया में Surgical instruments की मदद से 4 से 6 mm size के frame बना कर सीपो के सतह को अलग कर के उसके अंदर इन फ्रेम को रखा जाता है | | इस surgery में यह कोशिश किया जाता है की design वाले हिस्से को surface के ओर रखा जाए फिर उसमे थोडा स्पेस छोड़ कर सिप को बंद कर दिया जाता है |सतह कोशिका की सर्जरी – इस प्रक्रिया में सीपो को दो भागो में (दाता और प्राप्तकर्त्ता कौड़ी) में बाटा जाता है | 1st step में सीपो के cell में छोटी छोटी हिस्सों में कलम किया जाता है | इस surgery में सीपो के किनारे पर सतह के एक पट्टी बनाई जाती है | इसमें 2/2 mm के दो छेद कर के इसके अंदर design वाले frame को डाल कर इसे बंद किया जाता है |प्रजनन अंगों की सर्जरी – इस प्रक्रिया में भी सीपो को कलम किया जाता है | इस प्रक्रिया में सीपो के प्रजनन अंगो के किनारे को हलक काट कर 2-4 mm का Nucleus को डाला जाता है | Nucleusको इस तरह से डाला जाता है कि Nucleusऔर कलम दोनों एक साथ आपस में जुड़े रह सकें | surgery करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है की न्यूक्लीीयस कलम के बाहरी हिस्से से संपर्क करता रहे | सीपों की देखभाल सिप को nylon के bag में 10 दिन तक इन्हें antibiotic और natural feed पर रखा जाता है | कई बार antibiotic के लिए थोडा सा हल्दी का प्रयोग किया जाता है | रोजाना इन शिपो का inspection किया जाता है और जो सिप मर जाते है उनके body से Nucleus को निकल कर सिप को bag से बाहर निकाल देते है | तालाबो में पालना  10 दिन के inspection के बाद जो सीपे बच जाती है उन्हें nylon के bag में रख कर (1bag में 2 सीपे) इन्हें बांस या किसी अन्य pipe के सहारे लटका कर इन्हें तलाब में 1 meter गहरे पाने में इन्हें छोड़ दिया जाता है | production के बढ़ाने के लिए तालाबो में Organic और Abiotic खाद का प्रोयग किया जाता है | बिच बिच में बैगो में रखे सीपो का inspection किया जाता है ताकी जो सिप मर गए है उन्हें bag से निकाल कर बाहर किया जाता है | सीपो के इन बागो को 15 से 20 महीनो के अन्तराल में इन बैगो को साफ करने की आवश्यकता होती है | सीपो से मोतियों को निकलना– सीपो के pan अवधि 1.6 year से ले कर 2 साल तक होती है, और इसके पूरा होने पर सीपो को तालाबो से निकाल कर, उनके कोशिका या प्रजनन अंगो से मोती को निकाला जाता है | Estimate Costing to Start Pearl Farming Agar aapke pass 1,000 Sq. Feet ki place ho to aap ek small scale ka moti farming ka business start kar sakte hai. Iske alawe aap kuch aur chijon ki jarurat hogi jo ki is prakar hai: MatterialCost (in Rs)Structure SetupRs 10,000 to 15,000Surgical Sets (for 1set)Rs 200 to 500जिन्दा सीप – 100Rs 1,500 to Rs 2,500Water TreatmentRs 1,000Food Wastage for PondRs 500MiscellaneousRs 3,000Total ExpensesRs 20,000 to 22,000 मोतियों का बाजार में मूल्य / Market Rate of Pearl यह सच बात है की मोती की खेती करने के लिए आपको काफी धैर्य और सिखने की ललक होने चाहिये | औसतन एक मोती की कीमत आपको Rs 250 से लेकर Rs 500 तक मिल सकती है अगर आप किसी agent के द्वारा sell करते है | परन्तु अगर आप इसे directly market में sell करते है तो quality की हिसाब से आपको आसानी से Rs 600 से Rs 800 मिल जायेंगे | अगर आप एक बार मोती उगाने की कला सिख जाये तो Moti ki kheti ek profitable business sabit ho sakti hai. |